इस्लाम धर्म
हमारे आम देशबंधुओं का सामान्य विचार है कि इस्लाम ‘सिर्फ़ मुसलमानों’ का धर्म है। इसके ‘प्रवर्तक’ हज़रत मुहम्मद साहब हैं जो मुसलमानों के पैग़म्बर, महापुरुष हैं। कु़रआन ‘सिर्फ़ मुसलमानों’ का धर्म ग्रन्थ है। लेकिन सच्चाई इस से भिन्न है। स्वयं मुसलमानों के रवैये और आचार-व्यवहार की वजह से यह भ्रम उत्पन्न हो गया है वरना अस्ल बात तो यह है कि इस्लाम पूरी मानवजाति के लिए है, हज़रत मुहम्मद (ईश्वर की कृपा और शान्ति हो उन पर) सारे इंसानों के पैग़म्बर, शुभचिन्तक, उद्धारक और मार्गदर्शक हैं और इस्लाम के प्रवर्तक (Founder) नहीं बल्कि इस शाश्वत (Eternal) धर्म के आह्वाहक हैं। क़ुरआन पूरी मानवजाति के लिए अवतरित ईशग्रन्थ है।इस्लाम का अर्थ‘इस्लाम’, अरबी वर्णमाला के मूल अक्षर स, ल, म, से बना शब्द है। इन अक्षरों से बनने वाले शब्द दो अर्थ रखते हैं: एक—शांति, दो—आत्मसमर्पण।......
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