इबादत
इबादत‘इबादत’ का अर्थ वास्तव में बन्दगी और दासता है। आप अब्द (बन्दा, दास) हैं। ईश्वर आपका प्रभु और उपास्य है। दास अपने उपास्य और प्रभु के लिए जो कुछ करे वह इबादत है, जैसे आप लोगों से बातें करते हैं, इन बातों के दौरान यदि आप झूठ से, परनिन्दा से, अश्लीलता से इसलिए बचें कि ईश्वर ने इन चीज़ों से रोका है और सदा सच्चाई, न्याय, नेकी और पवित्राता की बातें करें, इसलिए कि ईश्वर इनको पसन्द करता है तो आपकी ये सब बातें ‘इबादत’ होंगी, भले ही वे सब दुनिया के मामले ही में क्यों न हों। आप लोगों से लेन-देन करते हैं, बाज़ार में क्रय-विक्रय करते हैं, अपने घर में माता-पिता और भाई-बहनों के साथ रहते-सहते हैं, अपने मित्रों और सम्बन्धियों से मिलते-जुलते हैं। यदि अपने जीवन के इन सारे मामलों में आपने ईश्वर के आदेश को और उसके क़ानून को ध्यान में रखा, हर एक का हक़ अदा किया, यह समझ कर कि अल्लाह ने इसका......
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